उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल बेल्ट काफी दबंग माना जाता है. तमाम हिंदी-फिल्मों की थीम यहाँ के इर्द-गिर्द घूमती हैं. आजकल सलमान खान की ‘दबंग‘ फिल्म चर्चा में है और उसके केंद्र में इसी बेल्ट के आजमगढ़ जिले के लालगंज क्षेत्र की कहानी है. एक तरफ जहाँ फिल्मों का स्वरूप बदलने लगा है वहीं दबंग अभी भी इस भोजपुरी बेल्ट को समेटे हुए है। वैसे भी भोजपुरी इलाके का तड़का फिल्मों को मशहूर कर देता है। याद कीजिए शिल्पा शेट्टी का - आई हूँ यू-पी-बिहार लूटने। यू-पी-बिहार के भैया लोग तो देश के कोने-कोने में भरे हुए हैं। विदेशों में भी उनकी भारी तादात है। उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ तो अपनी इन्हीं अदाओं के कारण दुनिया भर में मशहूर है। कभी राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध‘, शिब्ली नोमानी व कैफी आजमी के नाम से पहचाना जाने वाला आजमगढ़ पिछले कई सालों से आतंकवाद के चलते चर्चा में रहा है. इसकी सच्चाई क्या है, यह एक व्यापक बहस का विषय हो सकता है पर मीडिया ने फ़िलहाल इसे इसे रूप में प्रचारित किया है.
आजमगढ़ से जुडी एक दिलचस्प दास्तां पर गौर कीजिए-कुछ साल पहले नेपाल में एक शूटर को मार गिराया गया। उस शूटर के पास से एक देशी कट्टा बरामद हुआ, जिस पर लिखा था ‘मेड इन बम्हौर‘। नेपाल पुलिस को ‘बम्हौर‘ नामक देश ढूँढने में पसीने छूट गए। फिर अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक शख्स से उन्हें जानकारी मिली कि बम्हौर किसी देश का नहीं बल्कि उ0 प्र0 में आजमगढ़ के एक गाँव का नाम है जहाँ गन्ने के खेतों के बीच बकायदा देशी कट्टे बनाए जाते हैं और इनका निशाना अचूक होता है। यह सुनकर तो नेपाल पुलिस का माथा भी चकरा गया। आजमगढ़ को आतंक का पर्याय बनाने में मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी . यहाँ का संजरपुर गाँव चर्चा में बना रहा. बड़े-बड़े नेता जाकर वहाँ राजनीति की रोटियाँ सेंक आए। अब इसमें आजमगढ़ का क्या दोष है कि अबू सलेम भी आजमगढ़ का बाशिंदा है और लोगों की मानें तो दाउद इब्राहिम का ननिहाल भी यहीं है। महाराष्ट्र के चर्चित सपा नेता अबू आसिमी, जिन पर विधानसभा में थप्पड़ तक उठाया गया, मूलतः आजमगढ़ के ही हैं। दुर्भाग्यवश नकारात्मक चीजें जल्दी चर्चा में आती हैं.
‘दबंग‘ फिल्म में सलमान खान जिस उ0 प्र0 के लालगंज नामक इलाके के दुस्साहसी पुलिस इंस्पेक्टर बने हैं, वह भी आजमगढ़ में ही है। याद कीजिए कभी ममता बनर्जी ने संसद में लोकसभा सदस्य तूफानी सरोज की कालर पकड़ ली थी, तब वे लालगंज से ही सांसद थे। उ0 प्र0 विधानसभा के अध्यक्ष सुखदेव राजभर भी लालगंज के ही प्रतिनिधि हैं। लालगंज की महिमा अभी भी समझ में नहीं आई तो हाई-प्रोफाइल नेता नेता अमर सिंह भी लालगंज से ही हैं। यूँ ही अभिनव कश्यप ने ‘लालगंज‘ इलाके को नहीं चुना है। एक तो आजमगढ़ इधर नकारात्मक रूप में काफी चर्चित रहा है और लालगंज भी चर्चित क्षेत्र है. यह आजमगढ़-बनारस रोड पर स्थित है. चूँकि यह जिस बेल्ट में है, वहां दबंगई भी मिलेगी, भ्रष्ट लोग भी मिलेंगें, भोजपुरी पुट भी मिलेगा, ‘मुन्नी‘ भी मिलेगी और ‘झंडु बाम‘ भी...यानि एक फिल्म के लिए पूरा मसाला. क्या पता कल को सलमान खान किसी के चुनाव में यहाँ प्रचार करने आयें और लालगंज में चुलबुल पांडे की दबंगई से सचमुच उनकी मुलाकात हो जाये !!
आजमगढ़ से जुडी एक दिलचस्प दास्तां पर गौर कीजिए-कुछ साल पहले नेपाल में एक शूटर को मार गिराया गया। उस शूटर के पास से एक देशी कट्टा बरामद हुआ, जिस पर लिखा था ‘मेड इन बम्हौर‘। नेपाल पुलिस को ‘बम्हौर‘ नामक देश ढूँढने में पसीने छूट गए। फिर अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक शख्स से उन्हें जानकारी मिली कि बम्हौर किसी देश का नहीं बल्कि उ0 प्र0 में आजमगढ़ के एक गाँव का नाम है जहाँ गन्ने के खेतों के बीच बकायदा देशी कट्टे बनाए जाते हैं और इनका निशाना अचूक होता है। यह सुनकर तो नेपाल पुलिस का माथा भी चकरा गया। आजमगढ़ को आतंक का पर्याय बनाने में मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी . यहाँ का संजरपुर गाँव चर्चा में बना रहा. बड़े-बड़े नेता जाकर वहाँ राजनीति की रोटियाँ सेंक आए। अब इसमें आजमगढ़ का क्या दोष है कि अबू सलेम भी आजमगढ़ का बाशिंदा है और लोगों की मानें तो दाउद इब्राहिम का ननिहाल भी यहीं है। महाराष्ट्र के चर्चित सपा नेता अबू आसिमी, जिन पर विधानसभा में थप्पड़ तक उठाया गया, मूलतः आजमगढ़ के ही हैं। दुर्भाग्यवश नकारात्मक चीजें जल्दी चर्चा में आती हैं.
‘दबंग‘ फिल्म में सलमान खान जिस उ0 प्र0 के लालगंज नामक इलाके के दुस्साहसी पुलिस इंस्पेक्टर बने हैं, वह भी आजमगढ़ में ही है। याद कीजिए कभी ममता बनर्जी ने संसद में लोकसभा सदस्य तूफानी सरोज की कालर पकड़ ली थी, तब वे लालगंज से ही सांसद थे। उ0 प्र0 विधानसभा के अध्यक्ष सुखदेव राजभर भी लालगंज के ही प्रतिनिधि हैं। लालगंज की महिमा अभी भी समझ में नहीं आई तो हाई-प्रोफाइल नेता नेता अमर सिंह भी लालगंज से ही हैं। यूँ ही अभिनव कश्यप ने ‘लालगंज‘ इलाके को नहीं चुना है। एक तो आजमगढ़ इधर नकारात्मक रूप में काफी चर्चित रहा है और लालगंज भी चर्चित क्षेत्र है. यह आजमगढ़-बनारस रोड पर स्थित है. चूँकि यह जिस बेल्ट में है, वहां दबंगई भी मिलेगी, भ्रष्ट लोग भी मिलेंगें, भोजपुरी पुट भी मिलेगा, ‘मुन्नी‘ भी मिलेगी और ‘झंडु बाम‘ भी...यानि एक फिल्म के लिए पूरा मसाला. क्या पता कल को सलमान खान किसी के चुनाव में यहाँ प्रचार करने आयें और लालगंज में चुलबुल पांडे की दबंगई से सचमुच उनकी मुलाकात हो जाये !!
सर्वप्रथम तो कृष्ण कुमार यादव जी को आजमगढ़ आधारित इस ब्लाग के शुभारम्भ के लिए ढेरों बधाइयाँ. आजमगढ़ में मेरा ननिहाल है, अत: वहां के बारे में जानकर अच्छा लगेगा.
जवाब देंहटाएंदबंग फिल्म में जिस लालगंज का जिक्र है, वाह आजमगढ़ में है, यह जानकारी मेरे लिए नई है...काफी अच्छा लिखा है आकांक्षा जी ने...बधाई.
जवाब देंहटाएंतब तो यह फिल्म देखनी ही पड़ेगी.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंआजमगढ़ का नाम सुनते ही बदन में झुरझुरी होने लगती है!
Are Shashtri ji kanhe dar rahe hain, ham hain naa apke sath.
जवाब देंहटाएंAzamagrh ke log pyar bhi khub karna jante hain.
@ मयंक दादा जी,
जवाब देंहटाएंमैं भी तो आजमगढ़ की हूँ...
मम्मा की यह पोस्ट तो बढ़िया है. मैंने भी यह फिल्म देखी है.
जवाब देंहटाएंआजमगढ़ के यदुवंशी भी तो काफी दबंग होते हैं. आपकी लेखनी प्रभावित करती है.
जवाब देंहटाएंbhoomandalikaran ke daur me sthaaniyataa ki rakshaa ek shubh sankalp hai. kripayaa kabhi aakhyaan.blogspot.com par aayen.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंके. के. यादव जी आपका आभार . मैं इस व्लाग के माघ्यम से कहना चाहता हूं कि कुछ नकारत्मक घटनायें लेकर मीडिया ने आजमगढ़ को बदनाम ज्यादा कर दिया........वरना कोई वहां आकर देखे शिक्षा व विकास के मामले में कहीं भी वह पीछे नही है. देश के योगदान में आजमगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है .आजमगढ़ ने आजमगढ, देश को चंद्रजीत यादव ( इंदिरा गाँधी के बेहद नजदीक वाला ) जैसा केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश को रामनरेश यादव जैसा मुख्यमंत्री व कल्पनाथ राय ,पंचानन राय ,अमर सिंह सरीखे रसूक वाले नेता दिया है . इसके अलावा महान लेखा राहुल संकृत्यायन की जन्मभूमि यही है. कैफ़ी आज़मी सबाना आज़मी जैसी हस्तियों के नाम भी एही से जुड़े है.
जवाब देंहटाएंBahut achhi jankari di apne.. Mera Ghar lalganj ke pas madhopur Dharang gaon me hai
हटाएंबड़े सधे हुए रूप में लिखा आकांक्षा जी ने...सुन्दर विश्लेषण.
जवाब देंहटाएंके.के. जी और आकांक्षा जी के लेख अक्सर अंतर्जाल और प्रतिष्ठित हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में पढता रहता हूँ. वाकई आप दोनों खूब लिखते हैं...बधाई.
जवाब देंहटाएंआप सभी की प्रतिक्रियाओं और हौसला आफजाई के लिए आभार. अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
जवाब देंहटाएंक्या पता कल को सलमान खान किसी के चुनाव में यहाँ प्रचार करने आयें और लालगंज में चुलबुल पांडे की दबंगई से सचमुच उनकी मुलाकात हो जाये...यह भी खूब रहेगी.
जवाब देंहटाएंएक ही पोस्ट में काफी कुछ समेट लिया...
जवाब देंहटाएंsahi bat karte ho panday g ................
जवाब देंहटाएंजी बिल्कुल सही कहा आपने ।।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद🙏🙏🙏
Ji bilkul sahi aapane apni Rai Rakhi Azamgarh ko hisab se dekha jata hai use hisab se aapane tarif ki thanks
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