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रविवार, मई 15, 2011

कुछ शायरियाँ

शायरी _१


मुस्करा उठता है सारा जमाना
उनकी ईक मुस्कराहट पर
थोडा सा हम जो मुस्करा दिये
"उपेन्द्र " तो वो रूठ गये बुरा मान कर ।।


शायरी _

कल रात कटी बडी मुस्किल से
आज न जाने क्या हाल होगा ।
मगर अफसोस मेरी इस बेबशी का
"उपेन्द्र" उनको न जरा भी ख्याल होगा।।


शायरी _३

नाराज होकर वो चले गये वों आज मुझसे
बोलते थे दिल चीरकर दिखाइये तो यकीं आये
मैं डरता रहा कि अगर दिल चीरकर दिखाया तो "उपेन्द्र"
कहीं उनकी तस्वीर निकलकर धूल में ना गिर जाये ।।


शायरी _४

दुशमनों से क्या उम्मीद उनका काम ही था जलाना
वह चले गये घर हमारा जलाकर
अब उम्मीद अपने दोस्तों पर "उपेन्द्र"
मगर सब तमाशा देख रहे थे तालियां बजाकर ।। 
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सोमवार, मई 09, 2011

आजमगढ़ की अक्षिता (पाखी) को 'निशंक' ने दिया 'बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्ड'

नन्हीं ब्लॉगर अक्षिता यादव 'पाखी' को श्रेष्ठ नन्हीं ब्लॉगर के लिए 'हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान-2010' अवार्ड दिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हिंदी कवि एवं साहित्यकार अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय जैसे साहित्यकारों की उपस्थिति में 30 अप्रैल को हिंदी भवन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मलेन में हिंदी साहित्य निकेतन, परिकल्पना डॉट कॉम और नुक्कड़ डॉट कॉम की त्रिवेणी ने हिंदी ब्लॉगिंग के उत्थान में अविस्मरणीय योगदान के लिए और भी 51 हिंदी ब्लॉगरों को यह सम्मान दिया। सबसे कम उम्र की अक्षिता पाखी का नाम इस सूची में सबसे ऊपर था। इन सभी को स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, पुस्तकें और एक निश्चित धनराशि भी दी गई।

कानपुर में 25 मार्च 2007 को जन्मी अक्षिता इस समय पोर्टब्लेयर में कार्मेल स्कूल में केजी में पढ़ती है। अक्षिता का ब्लॉग 24 जून 2009 को 'पाखी की दुनिया' http://www.pakhi-akshita.blogspot.com नाम से अस्तित्व में आया। इस ब्लॉग पर उसने अन्य विषयों के साथ-साथ अंडमान के बारे में भी काफी जानकारियां और फोटोग्राफ पोस्ट किए हैं, जिन्हें यूजर्स काफी उत्सुकता से पढ़ते और सराहते हैं। इस ब्लॉग पर 150 से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 140 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। ब्लॉग का संचालन अक्षिता के माता-पिता करते हैं। अक्षिता के पिता कृष्ण कुमार यादव अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं हैं और माँ आकांक्षा यादव उत्तर प्रदेश में एक कॉलेज में प्रवक्ता हैं।

दिल्ली से प्रकाशित अनेक समाचार पत्रों ने अक्षिता के लिए लिखा है कि अक्षिता बहुत छोटी है, लेकिन हिंदी ब्लॉगिंग में वह एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। उसका ब्लॉग बेहद लोकप्रिय है और फिलहाल हिंदी के टॉप 100 ब्लॉगों में से एक है। अक्षिता की तस्वीर बच्चों की एक पुस्तक के कवर पर भी छप चुकी है। इससे पूर्व अक्षिता पाखी को लोकसंघर्ष-परिकल्पना और लखनऊ ब्लॉगर्स एसोसिएशन के सह प्रायोजित ब्लॉगोत्सव-2010 में प्रकाशित रचनाओं की श्रेष्ठता के आधार पर वर्ष 2010 के लिए श्रेष्ठ नन्हीं ब्लॉगर का पुरस्कार मिल चुका है। अक्षिता सम्मान ग्रहण करने नहीं पहुंच सकी, इसलिए यह सम्मान उसके चाचा अमित कुमार यादव ने ग्रहण किया। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, नन्हीं ब्लॉगर को यह पुरस्कार देते हुए उत्सुकता और भारी प्रसन्नता व्यक्त की।

साभार : स्वतंत्र आवाज़. com