हे दीप मालिके तेरा स्वागत,
अभिनंदन
तेरी आगवानी में बिछी पलकें ,
तेरा वंदन।
अपनी जहाँ में बरसे खुशियाँ
हर घर आंगन,
दीनता हो कोसो दूर,
हर दिल बसे स्वर्णिम सद्भावना ,
जातिवाद अब ना
समता की उपजे हर दिल सदभावना ,
दुनिया जाने
जातिवाद कुचला है मनोकामना,
दीप मालिके मिट जाए
अपनी जहां से हर तम,
अपनी जहॉ में दीप मालिके,
तेरा आना मंगलमय हो
,
तेरा अभिनंदन दीप मालिके
पूरी होवे मनोकामना।
- डा . नन्दलाल भारती -
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