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बुधवार, अप्रैल 20, 2011

आज फिर मौका मिला आजमगढ़ जाने का. ----------तारकेश्वर गिरी.

पुरे दस महीने व्यस्त रहने के बाद आज फिर मौका मिला हैं आजमगढ़ जाने का. दिल्ली कि भाग दौड़ कभी कभी तो बिना किसी काम के भी व्यस्त रहना ( दिल्ली वालो कि आदत हैं). खैर जैसे -जैसे शाम हो रही हैं उसी तरह से अपने गाँव कि यादे ताजा होती जा रही हैं. मन में फिर वही उठा पटक .

हर महीने माता जी से कहता रहा कि ईस महीने तो पक्का आऊंगा, मगर वो महीना भी पहले कि तरह निकलता चला गया. लेकिन ईस बार कुछ ऐसा जोश आया कि सारे काम छोड़ कर आज तैयारी कर ही ली.

6 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा है, हो आईये.

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  2. गिरी जी आपको आज़मगढ़ जाना मुबारक हो ईश्वर आपको सही रास्ता दिखाए

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  3. दिल्ली मैं कहाँ रहते हैं तारकेश्वर भाई..

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  4. इस पोस्ट के जरिये आजमगढ़ के बिताये दिन याद आ गए..... आपने समय निकला बहुत अच्छी बात है बधाई. हम भी गर्मी की छुट्टी में उम्मीद लगाये बैठे है.

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