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शुक्रवार, दिसंबर 30, 2011
सोमवार, दिसंबर 26, 2011
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा आजमगढ़ के राम शिव मूर्ति यादव को ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 11-12 दिसंबर को दिल्ली के पंचशील आश्रम, झड़ोदा (बुराड़ी) में आयोजित 27 वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मलेन में सामाजिक न्याय सम्बन्धी लेखन, विशिष्ट कृतित्व, समृद्ध साहित्य-साधना एवं समाज सेवा हेतु आजमगढ़ के श्री राम शिव मूर्ति यादव को ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘ से सम्मानित किया गया। उक्त समारोह में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने श्री यादव को यह सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर ओड़ीशा, महाराष्ट्र, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल तथा आंध्र-प्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर शमा बांधा.
उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति पश्चात तहबरपुर-आजमगढ़ जनपद निवासी श्री राम शिव मूर्ति यादव एक लम्बे समय से शताधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक विषयों पर प्रखरता से लेखन कर रहे हैं। श्री यादव की ‘सामाजिक व्यवस्था एवं आरक्षण‘ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। आपके तमाम लेख विभिन्न स्तरीय पुस्तकों और संकलनों में भी प्रकाशित हैं। इसके अलावा आपके लेख इंटरनेट पर भी तमाम चर्चित वेब/ई/ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाओं और ब्लॉग पर पढ़े-देखे जा सकते हैं। श्री राम शिव मूर्ति यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और ”यदुकुल” (http://www.yadukul.blogspot.com/) ब्लॉग का आप द्वारा 10 नवम्बर 2008 से सतत संचालन किया जा रहा है।
इससे पूर्व श्री राम शिव मूर्ति यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा ‘ज्योतिबाफुले फेलोशिप सम्मान-2007‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद द्वारा ‘भारती ज्योति’ सम्मान, आसरा समिति, मथुरा द्वारा ‘बृज गौरव‘, ‘समग्रता‘ शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद, कटनी, म0प्र0 द्वारा ’भारत-भूषण’, अम्बेडकरवादी साहित्य को प्रोत्साहित करने एवं तत्संबंधी लेखन हेतु रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री रामदास आठवले द्वारा ‘अम्बेडकर रत्न अवार्ड 2011‘ इत्यादि से सम्मानित किया है।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सोहनपाल सुमनाक्षर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ॰ फारुख अब्दुल्ला, लोकसभा के उपाध्यक्ष श्री करिया मुंडा एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे । इस सम्मेलन को सुशोभित करने वाले अन्य मुख्य अतिथियों में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं चर्चित दलित साहित्यकार डॉ माता प्रसाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी॰ एल॰ पुनिया, पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ॰ सत्य नारायण जटिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री रामविलास पासवान, दिल्ली विधान सभा उपाध्यक्ष श्री अमरीश सिंह गौतम, त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री श्री अनिल सरकार, महाराष्ट्र के पूर्व समाज कल्याण मंत्री व सम्प्रति विधायक श्री बबनराव घोलप, आर॰ पी॰ आई॰ के अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्री रामदास अठावले, गोवा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर श्री शंभुभाऊ बांडेकर, गुरु जम्भेश्वर तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ॰ एम॰ एल॰ रंगा, झांसी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो॰ रमेश चन्द्र, दिल्ली की मेयर प्रो॰ रजनी अब्बी एवं लखनऊ के पूर्व मेयर डॉ दाऊजी गुप्ता सहित तमाम साहित्यकार, शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी,पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे। इस सम्मेलन में देश के सभी प्रान्तों और संघ शासित प्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विदेशों से नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, मारिशस, श्रीलंका इत्यादि देशों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की ।
उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति पश्चात तहबरपुर-आजमगढ़ जनपद निवासी श्री राम शिव मूर्ति यादव एक लम्बे समय से शताधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक विषयों पर प्रखरता से लेखन कर रहे हैं। श्री यादव की ‘सामाजिक व्यवस्था एवं आरक्षण‘ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। आपके तमाम लेख विभिन्न स्तरीय पुस्तकों और संकलनों में भी प्रकाशित हैं। इसके अलावा आपके लेख इंटरनेट पर भी तमाम चर्चित वेब/ई/ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाओं और ब्लॉग पर पढ़े-देखे जा सकते हैं। श्री राम शिव मूर्ति यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और ”यदुकुल” (http://www.yadukul.blogspot.com/) ब्लॉग का आप द्वारा 10 नवम्बर 2008 से सतत संचालन किया जा रहा है।
इससे पूर्व श्री राम शिव मूर्ति यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा ‘ज्योतिबाफुले फेलोशिप सम्मान-2007‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद द्वारा ‘भारती ज्योति’ सम्मान, आसरा समिति, मथुरा द्वारा ‘बृज गौरव‘, ‘समग्रता‘ शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद, कटनी, म0प्र0 द्वारा ’भारत-भूषण’, अम्बेडकरवादी साहित्य को प्रोत्साहित करने एवं तत्संबंधी लेखन हेतु रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री रामदास आठवले द्वारा ‘अम्बेडकर रत्न अवार्ड 2011‘ इत्यादि से सम्मानित किया है।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सोहनपाल सुमनाक्षर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ॰ फारुख अब्दुल्ला, लोकसभा के उपाध्यक्ष श्री करिया मुंडा एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे । इस सम्मेलन को सुशोभित करने वाले अन्य मुख्य अतिथियों में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं चर्चित दलित साहित्यकार डॉ माता प्रसाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी॰ एल॰ पुनिया, पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ॰ सत्य नारायण जटिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री रामविलास पासवान, दिल्ली विधान सभा उपाध्यक्ष श्री अमरीश सिंह गौतम, त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री श्री अनिल सरकार, महाराष्ट्र के पूर्व समाज कल्याण मंत्री व सम्प्रति विधायक श्री बबनराव घोलप, आर॰ पी॰ आई॰ के अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्री रामदास अठावले, गोवा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर श्री शंभुभाऊ बांडेकर, गुरु जम्भेश्वर तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ॰ एम॰ एल॰ रंगा, झांसी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो॰ रमेश चन्द्र, दिल्ली की मेयर प्रो॰ रजनी अब्बी एवं लखनऊ के पूर्व मेयर डॉ दाऊजी गुप्ता सहित तमाम साहित्यकार, शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी,पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे। इस सम्मेलन में देश के सभी प्रान्तों और संघ शासित प्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विदेशों से नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, मारिशस, श्रीलंका इत्यादि देशों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की ।
गुरुवार, दिसंबर 15, 2011
आजमगढ़ की आकांक्षा यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डा.अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान'
भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं चर्चित ब्लागर आकांक्षा यादव को ‘’डा0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘ से सम्मानित किया है। आकांक्षा यादव को यह सम्मान साहित्य सेवा एवं सामाजिक कार्यों में रचनात्मक योगदान के लिए प्रदान किया गया है। उक्त सम्मान भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 11-12 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित 27 वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मलेन में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला द्वारा प्रदान किया गया.
गौरतलब है कि आकांक्षा यादव की रचनाएँ देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं. नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कवितायेँ और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनो / पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीँ आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं. पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ इंटरनेट पर तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं. व्यक्तिगत रूप से ‘शब्द-शिखर’ और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ , ‘सप्तरंगी प्रेम’ व ‘उत्सव के रंग’ ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लागर के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. 'क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु जी ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।
मूलत: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव श्री कृष्ण कुमार यादव के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं. श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. एक रचनाकार के रूप में बात करें तो सुश्री आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।
इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, ‘‘एस0एम0एस0‘‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘‘साहित्य गौरव‘‘ व ‘‘काव्य मर्मज्ञ‘‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘‘साहित्य श्री सम्मान‘‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘‘आसरा‘‘ द्वारा ‘‘ब्रज-शिरोमणि‘‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘‘साहित्य मनीषी सम्मान‘‘ व ‘‘भाषा भारती रत्न‘‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘‘साहित्य सेवा सम्मान‘‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘‘देवभूमि साहित्य रत्न‘‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘‘उजास सम्मान‘‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘‘भारत गौरव‘‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘काव्य-कुमुद‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘शब्द माधुरी‘‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’ , अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था, ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘‘सरस्वती रत्न‘‘, अन्तज्र्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा श्रेष्ठ कवयित्री की मानद उपाधि. जीवी प्रकाशन, जालंधर द्वारा 'राष्ट्रीय भाषा रत्न' इत्यादि शामिल हैं.
आकांक्षा यादव को इस सम्मान-उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
प्रस्तुति - शब्द साहित्य : रत्नेश कुमार मौर्य
गौरतलब है कि आकांक्षा यादव की रचनाएँ देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं. नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कवितायेँ और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनो / पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीँ आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं. पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ इंटरनेट पर तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं. व्यक्तिगत रूप से ‘शब्द-शिखर’ और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ , ‘सप्तरंगी प्रेम’ व ‘उत्सव के रंग’ ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लागर के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. 'क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु जी ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।
मूलत: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव श्री कृष्ण कुमार यादव के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं. श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. एक रचनाकार के रूप में बात करें तो सुश्री आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।
इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, ‘‘एस0एम0एस0‘‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘‘साहित्य गौरव‘‘ व ‘‘काव्य मर्मज्ञ‘‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘‘साहित्य श्री सम्मान‘‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘‘आसरा‘‘ द्वारा ‘‘ब्रज-शिरोमणि‘‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘‘साहित्य मनीषी सम्मान‘‘ व ‘‘भाषा भारती रत्न‘‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘‘साहित्य सेवा सम्मान‘‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘‘देवभूमि साहित्य रत्न‘‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘‘उजास सम्मान‘‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘‘भारत गौरव‘‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘काव्य-कुमुद‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘शब्द माधुरी‘‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’ , अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था, ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘‘सरस्वती रत्न‘‘, अन्तज्र्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा श्रेष्ठ कवयित्री की मानद उपाधि. जीवी प्रकाशन, जालंधर द्वारा 'राष्ट्रीय भाषा रत्न' इत्यादि शामिल हैं.
आकांक्षा यादव को इस सम्मान-उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
प्रस्तुति - शब्द साहित्य : रत्नेश कुमार मौर्य
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