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गुरुवार, जनवरी 29, 2015

आजमगढ़ में जन्मे फ्रैंक इस्लाम को मिला 'मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार'


प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी उद्यमी एवं परोपकारी फ्रैंक इस्लाम को अंतरराष्ट्रीय सेवा व असैन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए प्रतिष्ठित मार्टिन लूथर किंग जूनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आजमगढ़ में जन्मे फ्रैंक इस्लाम को रविवार, 18 जनवरी 2015 को  को मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष हैरी जॉनसन द्वारा एक समारोह में यह पुरस्कार दिय गया। फ्रैंक इस्लाम ने कहा कि वह यह सम्मान पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गांधी के बीच 'गहरे रिश्ते' थे। 'किंग ने 1954 में भारत की यात्रा की, अहिंसा आंदोलन का अध्ययन किया और महात्मा गांधी के मार्ग पर चले।'

फ्रैंक इस्लाम ने कहा, 'किंग 1954 में भारत दौरे पर गए थे और उन्होंने गांधी से अहिंसा आंदोलन की सीख ली थी। एक भारतीय-अमेरिकी के रूप में किसी महान नेता की याद में सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष तौर पर उन्हें सम्मानित करने वाला यह पुरस्कार पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।'

फ्रैंक इस्लाम ने अपने भाषण में कहा, 'किंग और गांधी मेरे निजी जीवन, परमार्थ कार्यों और जन सेवा के कार्यों में मेरे जीवन को आलोकित करने हैं।' इसी तरह किंग पेगी (पेगिलियन बार्टेल) को 'डोरोथी आई हाइट लीडरशिप पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत 1991 में जाने माने नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर और महान नेता डोरोथी आई हाइट की याद में की गई थी, जिनका प्रभाव देश और विदेश दोनों जगह रहा है।

आज़मगढ़ के सरायमीर क्षेत्र के नन्दाव गाँव के मूल निवासी फ्रैंक इस्लाम को अमेरिका के प्रतिष्ठित मार्टिन लूथर किंग से सम्मानित किये जाने के बाद से लोगों में ख़ुशी की लहर  दौड़ गयी है। 

उनके परिवार के लोगों ने तो जबसे सूचना पायी है तब से गौरवान्वित हैं। फ्रैंक इस्लाम के  प्रेजिडेंट बराक ओबामा के आगामी हिन्दुस्तान दौरे में साथ आने की सूचना से उत्साहित हैं। 

लोगों का कहना है की इतनी ऊचाईयों पर पहुँचने के बाद भी फ्रैंक इस्लाम कभी अपनी मिट्टी और अपने लोगों को नहीं भूले। ऐसे में जब अमेरिका जैसे देश में आतंकवाद को लेकर तमाम बातें होती हैं उसमे आज़मगढ़ के एक मुस्लिम के अलग ही मुकाम हासिल करने को सकारात्मक नज़रिये से देखा जा रहा है।

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