फ़ॉलोअर

बुधवार, अगस्त 10, 2011

प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच लेखनी को धार देते : कृष्ण कुमार यादव

प्रशासनिक सेवा में रहकर चिन्तन मनन करना एवं साहित्यिक लेखन करना अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है। राजकीय सेवा के दायित्वों का निर्वहन और श्रेष्ठ कृतियों की सर्जना का यह मणि-कांचन योग विरले ही मिलता है। कृष्ण कुमार यादव इस विरल योग के ही प्रतीक हैं। सम्प्रति आप भारतीय डाक सेवा के अधिकारी के रूप में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. देश की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन के अलावा उनके कृतित्व में एक काव्यसंकलन "अभिलाषा" सहित दो निबंध-संकलन "अभिव्यक्तियों के बहाने" तथा "अनुभूतियाँ और विमर्श" एवं संपादित कृति "क्रांति-यज्ञ" का प्रकाशन शामिल है. इसके अलावा भारतीय डाक पर अंग्रेजी में लिखी उनकी पुस्तक ''India Post : 150 Glorious Years'' काफी चर्चित रही है. विभिन्न संकलनों में इनकी रचनाएँ सुशोभित हैं तो आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर, पोर्टब्लेयर से समय-समय पर कविताओं, सामयिक लेख, वार्ता का भी प्रसारण होता रहा है. अंतर्जाल पर 'शब्द सृजन की ओर', 'डाकिया डाक लाया' और 'आजमगढ़ ब्लागर्स एसोसिएशन' ब्लॉग का सञ्चालन भी कर रहे हैं।

श्री यादव के इस बहुआयामी व्यक्तित्व के चलते ही उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर "बाल साहित्य समीक्षा (संपादक : डा0 राष्ट्रबंधु, कानपुर)" व "गुफ्तगू (संपादक : मुo गाजी, इलाहाबाद)" पत्रिकाओं द्वारा विशेषांक जारी किये गए हैं तो शोधार्थियों हेतु व्यक्तित्व-कृतित्व पर इलाहाबाद से "बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव" (सं0- दुर्गाचरण मिश्र) पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. श्री यादव को साहित्य विरासत की बजाय आत्मान्वेषण और आत्मभिव्यक्ति के संघर्ष से प्राप्त हुआ है। निरन्तर सजग होते आत्मबोध ने उनकी विलक्षण रचनाधर्मिता को प्रखरता और सोद्देश्यता से सम्पन्न किया है। उनकी रचनाओं में मात्र कोरी बौद्धिकता नहीं, जीवन सम्बन्धी आत्मीय अनुभूतियाँ हैं, संवेदनात्मक संस्पर्श हैं, सामाजिक संचेतना है, समय की जटिलताओं के मध्य भावों की संप्रेषणीयता है। सारगर्भित, सुन्दर, सुस्पष्ट व सार्थक रूप में इन रचनाओं में जीवन की लय है, विचार हैं, प्रभान्विति है, जिसके चलते अपनी रचनाओं में श्री यादव विषय-वस्तुओं का यथार्थ विशेलषण करते हुये उनका असली चेहरा पाठकों के सामने प्रस्तुत करते हैं। बकौल पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज‘ -‘‘कृष्ण कुमार यादव यद्यपि एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी हैं, किन्तु फिर भी उनके भीतर जो एक सहज कवि है वह उन्हें एक श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में प्रस्तुत करने के लिए निरन्तर बेचैन रहता है। उनमें बुद्धि और हृदय का एक अपूर्व सन्तुलन है। वो व्यक्तिनिष्ठ नहीं समाजनिष्ठ कवि हैं जो वर्तमान परिवेश की विद्रूपताओं, विसंगतियों, षडयन्त्रों और पाखण्डों का बड़ी मार्मिकता के साथ उद्घाटन करते हैं।’’
*******************************************************************************
आज कृष्ण कुमार जी का जन्म-दिन है. कृष्ण कुमार जी को जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं! आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके, आकांक्षा जी, अक्षिता (पाखी) और तन्वी के जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए! इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ सपरिवार, आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे !!

9 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक लेखन के लिए रत्नेश मौर्य को साधुवाद. कृष्ण कुमार को जन्मदिन पर शुभाशीष और प्यार.

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक लेखन के लिए रत्नेश मौर्य को साधुवाद. कृष्ण कुमार को जन्मदिन पर शुभाशीष और प्यार.

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तम व्यक्ति के बारे में उत्तम रचना. पढ़कर बहुत आनन्द आया. ..के.के. भैया जी को जन्मदिन पर बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  4. आप जिओ हज़ारों साल,
    साल के दिन हों पचास हज़ार
    ये दिन आये बारम्बार,
    आये आपके जीवन में बहार !

    सक्रिय ब्लागर और हिन्दी साहित्य के चमकते सितारे कृष्ण कुमार यादव जी को जन्म-दिवस की ढेरों बधाइयाँ.

    जवाब देंहटाएं
  5. सुहृदय, मिलनसार और साहित्य प्रेमी
    सबसे अन्तर्मन से वह जुड़ जाते हैं
    एक बार जब बने निकटता आपसे
    सब जन के.के. जी के सादर गुण गाते हैं !!

    ....कृष्ण कुमार यादव जी को जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  6. कृष्ण कुमार जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर सुन्दर और सारगर्भित आलेख. पढ़कर काफी अच्छा लगा. यहाँ भी उन्हें जन्मदिन की बधाइयाँ.

    जवाब देंहटाएं
  7. कृष्ण कुमार जी के वयक्तित्व और कृतित्व पर बहुत ही अच्छी प्रस्तुति। जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायेँ ।

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रशासन के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लाॅगिंग के क्षेत्र में भी सक्रिय भाई कृष्ण कुमार जी ने कम समय में ही काफी अच्छा काम किया है और नाम भी कमाया है. उनकी रचनाधर्मिता का तो कायल हूँ. शुभकामनाओं सहित.

    जवाब देंहटाएं
  9. सशक्त कवि, लेखक, कथाकार, चिन्तक एवं सक्रिय ब्लागर कृष्ण कुमार यादव जी के बारे में पढना अच्छा लगा. उनकी रचनाधर्मिता के विस्तृत आयामों को जानना सुखद लगा. उस पर से प्रशासनिक पद सोने पर सुहागा.

    जवाब देंहटाएं