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रविवार, अप्रैल 24, 2011

पुल जो जोड़ने के लिए तरस रहा हैं. ---- तारकेश्वर गिरी.

आजमगढ़ मुख्यालय से लगभग ८ किलोमीटर उत्तर कि दिशा में आजमगढ़ - गोरखपुर मार्ग पर एक छोटी सी जगह हैं जिसे बनकट कहते हैं , बनकट एक छोटी सी बाज़ार हैं जो कि थाना मुबारक पुर से जुड़ा हुआ हैं. लेकिन मुबारक पुर जाने के लिए लगभग २० किलोमीटर घूम के जाना पड़ता हैं, अगर सीधे रास्ते से जाये तो बनकट से मुबारक पुर कि दुरी मात्र ८ किलोमीटर ही पड़ेगी. लेकिन उसके लिए टौंस नदी को पार करना जरुरी होता हैं.

पहले लोग टौंस नदी को नाव से पार करते थे मगर आज कल लोग नदी को पार करने के लिए पुल का सहारा लेते हैं. लेकिन सिर्फ पैदल या साईकिल या मोटर साईकिल से ही.

आज से लगभग दस साल पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम लारो -बलिया और विन्द मठिया व्यास गिरी गाँव के बीच टौंस नदी पर
एक बहुत ही खुबसूरत और मजबूत पुल बनवा रखा हैं. लेकिन सदियों से प्रशाशन कि उपेक्षा का शिकार रहा ये क्षेत्र आज भी लाचार हैं.

पिछले दो बार से बसपा के विधयाक और अब मंत्री रहे चंद्रदेव राम यादव उर्फ़ कैरैली उर्फ़ मेनेजर को और आजमगढ़ प्रशाशन को सिर्फ अपनी जेब भरना ही याद रहता हैं.

में ईस लेख के साथ गूगल का लिंक भी दे रहा हूँ, आप उस लिंक को खोल करके खुद देख सकते हैं कि किसी तरह से पुल के दोनों तरफ सड़क का अभाव हैं.

http://maps.google.com/maps?ll=26.115791,83.256961&spn=0.00132,0.001725&t=h&z=19&lci=com.panoramio.all

3 टिप्‍पणियां:

  1. आज भी ग्रामीण भारत आधारभूत व्यवस्थाओं के लिए तरस रहा है. उसका यह ज्वलंत उदहारण है.

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  2. behad afsosjanak.......... mai bhi kai bar mubarakpur ke liye is lambe raste ka hi upyog kiya hoo.

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